Shiv chaisa Options
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु Shiv chaisa आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।
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नमो नमो जय shiv chalisa in hindi नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन